क्षमता और विद्द्वता की
आवश्यकता है.यह
अच्छी सोच और
समझ से ही
अI सकता है.
जहाँ शाक्षी महाराज जैसे संIसद
हों,वहां किसी
दूसरे दुश्मन की
आवश्यकता नहीं.क्या शाक्षी महाराज बताने
की कोशिश की
है की उनके
कितने बच्चे हैं
उन की शादी
हुयी है या
नहीं.भारतीय जनता
पार्टी में मोदी
,अटल और अन्य
अविवाहित सांसदों की क्या योजना है.
आखिर किस भारतीय
ने हिन्दू भाईओं
को और उनके
पत्नियों को
खूंटे में बांध
रखा है.आप
ज़रूर उनकी
सलाह का आदर
करें.किसी अन्य
को अपनी गति
और प्रगति का
दोष न दें.विजय पताका
केवल जनसँख्या के
आधार पर नहीं
लहराया जासकता है.क्षमता और विद्द्वता की
आवश्यकता है.यह
अच्छी सोच और
समझ से ही
अ सकता है.

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