हाय रे चुनाव की छटा!
हिर्दय परिवर्तन अथवा हिर्दय प्रतिरोपण १
सब कुछ एक
ही
दिन
में एक हाथ में
गीता
दूसरे
में
कुरान.
भारत के मानचित्र
में
कशी
भी
काबा
भी
मंदिर में रामधुन और मस्जिद में
अज़ान
.
सब राम की
अदभूत
लीला
चुनाव अभियान का
शुभारम्भ कैसा?
और अंत में
सहसा
हिर्दय
प्रतिरोपण
ऐसा
!
उनका की ही
नहीं
,गिरिका,आदित्त्या
का
,साक्षी का ,साध्वी का,,सोम
का
,शर्मा
का,
संपत का,सिद्धार्थ
का,त्रिपाठी
का
,गोयल
का
विलाश का अभिलाष
का
,चिराग़
का
,मांझी
का
हाय
रे
कुर्सी
का
यह
कैसी लीला एक ही
दिन
में
सब कुछ हो
गया
...............
अँधेरे से आगाज़ हो
जिसका
सबेर
का
यह
सूर्योदय
कैसा
सब चुनाव की
लीला.
दबाव की ,लौटाओ
की
,संयुक
राष्ट्र
की
धमकी,मुलायमकी घुड़की
फटकी भनक ,त्रिष्कार
की,
परिष्कार
की
समझ
ला खड़ा किया
सुधार की आशा
झड़िक
ही
सही
कुछ
तो
दूर
हुयी
कालीघाट
हाय
रे
चुनाव
की
छटा!

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