.कुछ के लिए दुखदायी
संकेत भी था .
देवरिया ,उत्तर प्रदेश में खाट
अथवा खटिया ,किसान मिलन ,राहुल गाँधी बीच में किसान उनके इर्द गिर्द
,आगे ,पीछे .पहली
बार हमारा वास्तविक भारत ,हमारे लोगों को उनके शुद्ध रूप में बिना लाग् लपेट इस सभा का आरम्भ हुआ और इसी पर इस का सुन्दर
अंत भी अति दर्शनीय था . किसी
भी नुक़्तए नज़र से सरल और मासूम महिलाएं और वास्तविक रूप इस सभा का सब से सुन्दर
दृश्य था .न विरोध ,न लूट , न आग ,लेकिन शुद्ध भागीदारी आदि से
अंत तक दिखाई दी
.मुझे बहुत अच्छा लगा
.सुख की अनुभूत हुई .खटिया भारत बहुत ही सुखदायी
होने वाला है .कुछ के लिए दुखदायी
संकेत भी था .
किसी न किसी की खटिया खड़ी होगी .किसी न किसी दल को खटिया मिली गई
. उन सभी
किसानों और महिलाओं
,जवानों और बच्चे और बूढ़े किसी भी दृष्टकोण से चोर लुटेरे
नहीं लग रहे थे
.ऐसा लगा
जैसे उन्ह सब कुछ बाराती
होने के नाते सौगात में मिला हो .टूटी ही
सही , जूठी ही सही
, इस लूट
का कुछ और ही सुख है
.मैं अनुरोध करूँ गI की लड्डू और मिनरल पानी का प्रबंध
उनेह आज़ादी के बाद का स्वाद तो गया
होगा .
राहुल ने दिल जीत लिया
.बधाई हो .हमारे असली भारत को मिटाना मुश्किल
है .बड़े सहयोग और सौहार्द
के साथ
और बिना विरोध खाट ले जारहे थे ऍफ़.आई.आर
न करने का पहला उदाहरण है.यूरोप वासियों
को इस स्तर और नमूने का मेला कर
पाना मुमकिन नहीं.
.मोदी साहेब की चाये के साये
ही रह्जाये गें
क्या मुलायम और और आज़म भैस ,माया को हाथी,बीजेपी को गाये केI काफिलों को संबोधित
करना होगा ?.

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