आदरणीय
#नरेंद्र मोदी ,प्रधान मंत्री भारत वर्ष
आप के बेचने की लम्बी
सूचि है.आप ने चाय बेचा या चाय ने आप को बेचा ? आप तब चाय बेचीं होगी मैंने तो न आप की चाय पी नहीं ही बेचते हुवे देखा
.यह ज़रूर देखा की आप ने चाय को भुनाया अवश्य और देश को बताया की ," मैंने चाय जैसे बड़े शयको
(चीज़ को) के क़द छोटा किया किया को
खूब भुनाया और इस का अपमान किया .आप ने कया कया नहीं नहीं बेचा? चाय बेचीं,इमान बेचा ,शादी छुपाई,सच बेचा ,धर्म का खुला ब्यापार किया .गाय
बेचीं पर दूध नहीं बेचा .मांश तो नहीं खाया ,मुसलमानो का खून ज़रूर चखा मानवता का ब्यापार किया. आप ने और आप के प्रिय अमित शाह ने न्याय
बेचा, न्याय की संस्था बेचीं ,देश की शान मान बेचीं ,आर्थिक शांत ,इस की प्रगति बेचीं .सच का ब्यापार
किया ,छूट बेचीं,और खूब बेचीं. वोट
बेचा ,एवं मशीन बेचीं.खूब चली .आपने
और आप के छूट ने ,आप के शक्ल की छटा
बिगाड़ दी.लोगोने ज़ुबान का ऐसा ब्यापार किया
की आप इस का परिणाम देखें गे.आप को बेचैनी देखीं जा सकती है.ीा बार का अनुभव आप का
वज़न घटा दिया .आप के चेहरे के रंग बिगाड़
दिया .समय दूर नहीं जो भाई आप के चेहरे
के सामने हैं ,कल को आप की पीठ के
पीछे होंगे और आप भागते जाएंगे.आप ने रामायण देखीं है रामायण का सार नहीं जाना .जान
लीजिये
गौ धन .गजधन,
बाज़ धन और रतन धन खान
जब आवै संतोषधन ,सब धन धूल सामान

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