Thursday, September 6, 2018

आप सभी मेरे चार वर्षों के उपलभ्दियों को गिनना चाहेंगे ?



भाईओ और बहनो
आप सभी को #मोदी का नमस्कार
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मैं आवारा देश विदेश भृमण का अतिक्रमण .
मेरे सारे पशुधन आवारे  खाएं फसल किसान की
रात रात भरकरें रखवाली हम सारे गावं निवासी 
बच्चे बूढ़े भी करें गए भैंस की  रखवाली हार मानली हम सबने
रक्तरंजित हो रहे निवासी न खेती रही ,रहा न भाई चारा
बच्चे वंचित हुवे विद्या से ,रोवें सभी परिवार हमारा खेती रही न पाती
बाक़ी रहगया है केवल  गले की फांसी I 
सारे पौरुष युक्त युवा अIवारे हुवे हत्त्यारे जिन्हे खुली छूट है हत्त्या की .
सड़कें भरी अIवारों से इन में शामिल गायें भी,कारें भी होगी सब सब आवारें
यहीं बास भी होगा इनका यहीं निवास भी होगा  हम सब का
हम सभी मिलकर कर कर रहे विनाष , विनाश न होगा आभास किसी को
होगा खुल कर मेरा तेरा इनका उनका न की हमसबका  I
मैं  मोदी प्राकर्मी,सभीकहें मुझे हठधर्मी  ,भ्रष्टाचारी और निरंकुशवादी  
ये आवारे   बादल भी बरसें ,गरजें ,गिरावें पहाड़ ,पेड़,घर ,घाट  मेरे आदेश से
अवारे पंडित ,पीड़ित प्रजा ,योगी-जोगी ,गूंगे बहरे ,मंत्री संत्री ,खत्री वत्री,
पुलिस भिखारी  ,अत्त्याचारी ,कलयुग समलैंगिग सब हमारे और सब आवारे  
अब शेष ही क्या है  राहुल के खातिर जभी तो गए हैं मानसरोवर शांत केवल हाथ लगे हैं
वापस आयें,देखें मेरी लीला ,डॉलर बना है मॉन्टेवेरस्ट ,रूपया मानसरोवर झील ,स्वर्ण सड़क पर
लकीरखीची है बीच दोनो समुदायों के  भारत बना लकीर फ़क़ीर
मैं मोदी साथ कबीर के ,गंगा मेरी हाथ लकीर I
आवारा पशुओं के आवारे बच्चे ,आवारे  मानव ये ,आवारे बादल भी ,आवारे  दल दल के बीच फंसा
ये विकाश नपुंसक ,हिंसक इसकी पहचान ,झूट फरेब ,लूट और लाठी  ये सब के हैं साथी .
न पानी न हवा ,न डीज़ल न ही पेट्रोल मिलेगा सब बहाले जाओं गा सात समंदर
रहना है ही तो वोट मुझे दो २०२२ तक रखना है सबकुछ तुम्हें सहना  है ..


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