स्वराज बनाम कुराज सें :किसी को भी इस स्वराज शब्दावली से खिन्नता होना स्वाभाविक है
.स्वार्ज का नारा आज के अति भ्रष्ट युग में एक बड़ी छूट है
. हम नैतिक पतन की चरम सीमा
की ओर अग्रसरित हैं
.स्वराज के नारे ,का सपना धरा का धरा ही रह जायेगा
.
#योगेन्द्र यादव को नए नारे की तलाश करनी होगी
.कुराज ही कुराज का राज है
. केजरी वाल शब्दावली
में अ भी और
क भI
है .# आशीष खेतान ने एस्सार से करोड़ों रूपये अवश्य लिया है
I .आशीष की बौखलाहट और चुनौती सच
कती है
.बेईमान वह भी हैं
.# शिशोदा भी मन और धन से बेईमान हैं
. आशुतोष तो बेईमानो के सरदार लगते हैं
.आप ने सबकुछ गँवा दिया है .केवळ झाड़ू
ही शेष है.राजनीती और रड
नीति इनकी शब्दकोष में गायब है
.ऐसा लगता है यह आधुनिक मक्कार हैं
.देश के साथ दोखा किया है
.#आप की गंगा गंगा से भी मैली बल्कि मैला है
.इस मैले के सम्राट केजरीवाल चुन लिए गए हैं
.

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