Thursday, July 23, 2015

अकड़पन टूटना ही है .

जयप्रकाश  नारायण  का  १९७५  का  अभियान  की  भ्रष्ट  और  अयोग्य  प्रतिनिधियों     को  लोकसभा  या  विधान  सभा  से  वापस  बुलाने    का  अधिकार  दिया  जाना  अनिवार्य   होगया  है . राजनैतिक  परिपक्क्वता  लग  भग  पतन  के  कगार  पर  है .इस  का  इतनी  शीघ्र  पतन  होगा  सोचा  भी  नहीं  जासकता .उत्तर  से  दक्षिण ,पूर्वे  से  पश्चिम  तक  भारत  से  जाता  रहा .झूट  को  सच  और  सच  को  झूट  तक  कहने  और  करने  में    शर्म है  और  नाही  संकोच .हम  देस  वासी  मूक  दर्शक  बन  कर  रह  गए  हैं .

अंधी  आने  पर  वही  बृक्ष  खड़े  रहसकते  हैं  जो  सीना  तन  कर  खड़े  नही   रहते .झुक जाने  वाले  पेड़  ही  बच  पते  हैं .#भारतीय  जनता  पार्टी  का    अकड़पन  टूटना  ही  है .

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