Thursday, November 26, 2015

भारत के संविधान के पचहत्तर वर्ष :

भारत   के   संविधान   के  पचहत्तर  वर्ष :WHAT IS YOUR COMMITMENT WITH OUR CONSTITUTION BJP TO ANSWER?
भारतीय  जनता  पार्टी  के  लिए  सेकुलरिज्म (सर्व धर्म सम्भावअपाच्या   !श्री  राजनाथ  का  यह  वक्तब्य  की  सेकुलरिज्म  शब्द  का   जितना  दुर्पयोग  इन  साठ  वर्षों  में  हुवा  है  किसी  और  शब्द  का  नहीं हुआ ..प्रिय  महोदय  आप  को  संविधान  की  आवश्यकता    नहीं  है .आप  ने  इस  शब्द  के  होते  हुवे  भी  वह  किया  जो  आप  और  आप के  समर्थक  करना  चाहते  थे .अब  तो  तुष्टिकरण  भी  गले  में  छाले  पैदा  करता  है .सेकुलरिज्म  नाग बनकर  रात   की  नींद  को  हराम  कर्देता  है .एक  साल  से  भी  अधिक  हो  गए  हैं  आप  इसी  उधेड़  बून    में  लगे  हैं .आरएसएस  की  माला  जपते  रह  ये  सब  शुभ  ही  शुभ  है .

अच्छे  दिन  आप  के  नहीं  पर  देश  के  अच्छे  दिन  गये . .आई इस आई  के  क़दमों  पर  चलना  अगर  उचित  है  तो  संकोच    करें .चल  पढ़ें .चध धी       सेना  तो  है .सुशाशन  ,न्याय  ,समानता  ,शालीनता  को  पचाने  के  लिए  बाबा  रामदेव     यदुवंशी  का  चूर्ण  आयात  करने  की  आवश्यकता  नहीं .मध्य  प्रदेश  में  शिव  राज  चौहान  ने  ५२  रैली  की  और  १६  दिन  तक  घर  घर  चुनाव  अभियान  करते  रहे  .अंत  में   सेकुलरिज्म  ने  सेंध  लगा  दी .बिहार  ने  तो  आप  का  बेडा  ही  ग़र्क़  करदिया .आँख    खुला  सर्वधर्म सम्भाव पर धेयान  दे.इस का अर्थ बताएं  .

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