अच्छा होता की संत ही हो जाते .लेकिन इन दिनों उनेह बोलना पड़ता है.भीड़ जुटiना
पड़ता है.
उनकी (#MODI
SARKAR) उप्लभ्दियां उन के आयोजित जश्न में देखे जा
सकते हैं .उन की सारी शक्ति इन्ही जश्नों
के आयोजन और भीड़ भंडार के माध्यम
रहे हैं .
यहाँ धरती पर त्राहिमाम
त्राहिमाम आज़ादी के बाद देखने को मिल रहे हैं .यह
इन के क़दमों की बरकत है
.दो वर्ष
केवल और केवल देश और विदेश में भीड़
भंडारा
में गुजर गए .कभी
दस लाख का सूट ,कभी रंग बिरंगे
वेस्ट कोट .

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