Friday, June 9, 2017

किसान कब्रिस्तान में भारत के #प्रधान मंत्री कज़ाकिस्तान में !

                 (  गोली     मारो ,एक  करोड़  प्रति  लाश  दो  का  फार्मूला  )
वर्त्तमान  में  यहाँ  किसान  का  केवल  एहतेजाज  नहीं  बल्कि  इन्क़िलाब   है  ,जो  जंगल  की  आग  की  तरह  फैलती  जारही  है  . भारत  की   सरकारी  बैंक  पुराने सेठ साहूकार  सरीखे हैं  जो  गरीब  किसानो  को  क़र्ज़  दे  दे  कर  मौत  के  मुँह  में  जाने  पर  मजबूर  कर  रहे   हैं .
हाय है   रे  बेचैन  रूह  (आत्मा  )कभी  कहीं ,तो  कभी  वहां  और  अभी  यहाँ  उचित      शुद्ध शाकाहारी  शरीर  में  दाखिले  की  तलश  में  दर  दर  का  दौराः कररहे हैं.
क्या    प्लास्टिक  राइस  मनुफक्टोरे  करके  और  गौशला  के  गायों के ढूढ़  पीला  कर  एक  विचित्र  प्राणी  की   आने  की  योजना  बना  रही   है हिंदुत्तव  का   जादू  यहाँ  क़ियों नहीं   चल  रहा  है ? मालूम  रहे  की    भूके  भजन  न  होये  गोपाला .पहले   तो  अपने  डीएनए   कोष   से   झूट  का  प्रचार  किया   गया  की  गोली  पुलिस  ने  नहीं  बल्कि  असामाजिक तत्वों  ने  मारी . आप  रामराज  में  ये  तत्वा  भी   हैं ? अरे  महाशय रमजान  के  महीने  तोबा  कर्लीजये    अभी   सवेराः  है . झुटका  पाप    धूल  जाये  गा .
मोदी  साहेब  को  मालूम  हो  की  कज़ाकिस्तान  में  भी  इस्लाम  है  और  इनके  सात   और भाई बहन हैं .और ये सभी एक साथ ही जन्म लिए  वलदमीर पुतिन  के  पुरवा  उत्तराधिकारी  और  USSR की  ताक़त  ने  रुस्सा  को  टूटने  से  नहीं  बचा  सका .फिर  उन्ह  भी  टेररिज्म  का  सहारः लेना  पड़ा .
 CR CRUELTY TO ANIMALS  एनवायरनमेंट  और  फारेस्ट  के  नामपर  नए  रूल्स  बनाने  का  नाटक  अपने  भ्रमण  में  मेहमान  ऱष्राध्यक्षों  को  बताना  था की  , “ मैंने  गाओ  थोड़ी  बंद  किया  है  केवल  क्रुएल्टी  को  रोकने  का  प्रयाश  किया  .हमारे  यहाँ  पर्यावरण की  हाजाओं  साल  से  पूजा  होती  है .पूजा  का  आधुनिकरण  किया  है .जिस  से  #मोहन  भगवत  भी  खुश  और   शाह  नवाज  और  मुख़्तार  नक़वी  COMMUNITY भी  फुश .

अच्छा  हुवा  की  कज़ाकिस्तान  के  प्रेजिडेंट  नूर  ने  इन्हे  टोपी  नहीं  पहनाई .वार्ना  मन  में  ....

No comments:

Post a Comment