WILL THE TV
CHANNELS STOP DRAMATIZING THE INCIDENCE OF WOMEN HAIR LOT EVENTS IN INDIA.चोटी काटनी की घटनाएं
अन्य देशो में क्यों नहीं होता ? इसका शुभारम्भ भारत में ही में क्यों होता है.?भाई, चोटी काटना ,कैंची की सरलता से
उप्लभ्धि,आखिर चोटी ही क्यों काटी जाती है. शरीर
का कोई अन्य अंग क्यों नहीं काटा जाता है?इस में दर्द होगा .बन्दर कांड के बारे
भी किसी की गर्दन नहीं कटी ,न हाथ कटा,केवल खरोच ही क्यों किया जाता है.
आज में ABP समाचार देखरहाथा इसी सन्दर्भ में .एंकर ने ,और उनके अन्य साथियों जिस तरह से माहिमाँमंडल किया:चोटी
का इतिहास ,शास्त्रों में इस की चरचा, महत्ता,तांत्रिकों का हाथ ,अदृश्य प्राणियों की उपस्थिति ,मुर्ख लोगों से बातचीत,और तो और बयां करने वाला कर्मचारी बड़े सुर ताल से पेश कर रहा
था,
देश का नाश कर रहे
हैं.आज ऐसा लगा सारे के सारे TELEVISION channels अनेकों मुँहवाले हो चुके हैं.दूसरे
ही तरह की घटनायी होनी की संभावना बढ़ती जारही.यह #अमित शाह ,#मोहनभागवत और #मोदी और #योगी का युग है.यही तो बोया है.काटिये भांजिये.#

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