#मोदी विरोध बनाम मोदी प्रेम का प्रश्न
कितना आवश्यक ,कितना तर्क सांगत
.#मोदी केवल एक व्यक्ति नहीं हैं
.देश को
बार बार भ्रमित
किया जारहा है .मोदी
का विरोध नहीं लेकिन मोदी के हाथों #बी ज प
ने तथा इनके सहयोगियों ने देश को अनिश्चिता
के हाथों समर्पित करदिया है.उनकी
नीतियों ने ,योजनाओं ने भारत को भय भीत
और भ्रमित करदिया है .मोदी
विरोधियों का काम है जनता को
जागरूक करना है .वह चाहें
तो मोदी को दो बारह लाएं या उनको विराम दें
.इस अभियान में इस की तलाश की देश का अगला प्रधान
मंत्री कौन हो कोई समस्या
ही नहीं है .यह
प्रदूषित मन और मस्तिष्क की उपज है .देश
में सैकरोंड़ो सुयोग्ग्या
प्रधानमंत्री होने की छमता रखते हैं.इस अभियान
में # बीजेपी आगे है और कई चैनल भी उन के सुर में सुर मिला रहे हैं
.
ममता बनर्जी का प्रयास सराहनीय और सामयिक
भी है और आज देश की आवाज़ है हमें साथ देना हैं .हम देखरहे हैं जो इन महँभाव
को
नहीं दीखता !
हैं .जब ये सर्व धर्म समभाव की अवहेलना
करते हैं .उनके संग इन की कुनीतियाँ हैं .मोदी
को अकेले कियों पIते हैं .
क्या # RSS(र स स ) के चीफ #मोहन भगवत ,सरसंचालक साथ नहीं हैं
?
क्या # विश्व हिन्दू परिषद्
की विघटन कारी शक्तिआं
इन के
साथ नहीं हैं ?
क्या दुर्गाबाहिनी सेना इनके साथ नहीं है ?
क्या घर वापसी सेना अभियान
इनके साथ नहीं है ?
क्या हिन्दू बहिनी सेना इन के साथ नहीं है ?
क्या अखिल भारतीय
विद्द्यार्थी परिषद् इन के साथ नहीं है ?
क्या योगी और मढ सेना इन के साथ नहीं है ?
क्या इनके साथ गुरगोलवलकर का आशीर्वाद
नहीं है ?
क्या इनके साथ सावरकर हिन्दू
महासभा संस्थापक का आशीर्वाद
नहीं है ?
क्या इनके साथ देश के अडानी अम्बानी
नहीं हैं ?
क्या मोदी निरोव मोदी के साथ नहीं हैं
?
क्या मोदी अतिपिछड़े भारतीओं
के साथ हैं ?
क्या मोदी किसानोंके
साथी हैं ?
किया मोदी कश्मिरिओं
के साथ हैं ?
क्या मोदी गरीबोंके
साथ हैं ?
क्या मोदी पिछड़ों
के सरथी हैं ?
क्या मोदी के साथ इलेक्शन
कमीशन ऑफ़ इंडिया
नहीं हैं ?
क्या इ व् म #(EVM)* मशीन इन के विरोध में हैं ?
क्या देश का खज़ाना इनके जेब में नहीं है
?
क्या देश के सुप्रीम कोर्ट इन से खुश है ?
क्या देश का शिक्षक समुदाय
इन के साथ है
?
क्या केंद्रीय कर्म चारि इनके साथ है ?
क्या बेरोज़गारी मोदी के साथ नहीं है ?
क्या देश के युवा इन के साथ हैं
?
क्या मोदी एनकाउंटर
सेना अध्यक्ष नहीं हैं
?
#नरेंद्र मोदी इनसब अपराधों और महामारी के पर्याय हैं .क्या
अच्छा होता की वह बिना ताख़ीर किनारे
होजायें ,इस से पहले की लोग उनेह किनारे
करदें .यह चाटुकारों की सलाह नहीं है
?

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