मुस्लमान भाईमें इतने बेशरम होते हैं वह भी भारत में समझ में आने वाली बात नहीं
मुस्लमान नेताओं
में सभी दाढ़ी
वाले थे.इस्लाम के सौदागर भी हैं.
वोट के सौदागर :भारतीय लोकतंत्र की विघटनकारी शक्तियों का
२०१४ के लोकसभा चुनाव में हिर्दय विदारक रहस्य उद्घाटन. इ-न्यूज़ दिनाक ११ अप्रैल ने देस वासियों के सामने दिल दहलानेवाला स्टिंग ऑपरेशन लोकसभा के शीर्षक से लगातार सनसनीखेज़ सच प्रस्तुत करके यह साफ कर दिया की अब भारत में लोकतान्त्रिक बयवस्था लगभगः
जान तोड़ रही है.नया विकल्प ही एक मात्र उपाय रह गया है..डमी कैंडिडेट्स का सौदा कोई और नहीं बल्कि नयी पार्टियां नए अवतार के भयानक रूप में डाका जानी कररहीहैं और जिन किसी दाल से उन का संबद्ध है उनेह भी ब्लैकमेल करही हैं .उनके और उनके दलों की साझे दारी ने
देश की वर्त्तमान बेवस्था को विनाष के कगार पर खड़ा कर दिया है.अफ़सोस की बात तो यह है की इनमें लगभग सभी नेता /सौदागर मुस्लमान हैं जो मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्ल्होवा सल्लम के उम्मती होने का प्रमाण पत्र ले रक्खा है जो हराम और हलाल के बीच भेद करनी वाली जमात जानी जाती है..इन के निम्न लिखित नाम हैं.राजश्थान के बहु जान समाज दल के प्रांतीय
अद्द्यक्ष चौधरी अब्दुल अज़ीज़ जो सौदा करने पर सोयं और कई अंन्य साथियों के साथ करोड़ों लेकर अपनी और अंन्य की सीटो को छोड़ने के राज़ी देखे गए.इसी तरह डॉ,उस्मान बक्श अध्यक्ष राष्ट्रीय जन्मोर्चो डॉ. छब्बन प्रेजिडेंट नया दौर ने मथुरा उत्तर प्रदेश ने भी इन्ही सौदागरों में नाम दर्ज करालिया.है.रलड दाल के नामवर नेता मनसिंघ कळल्यान ने भी चौधरी चरण सिंह(स्वर्गीय ) को कहींका नहीं छोड़ा. मुस्लमान भाईमें इतने बेशरम होते हैं वह भी भारत में समझ में आने वाली बात नहीं
मुस्लमान नेताओं
में सभी दाढ़ी
वाले थे.इस्लाम के सौदागर भी हैं
अगर मोदीजैसे प्राणी
,आरएसएस और बीजेपी जैसे संस्थाएं पावर में आती हैं तो इन के कर्मो का परिणाम
है. इनके ज़वाल से कोई नहीं बचा सकता है.

No comments:
Post a Comment