.यह सफ़ेद झूंट
है.
जब सब कुछ
मोदी के पक्ष
में है तो
गुजरात से
मौलाना आओं की
टीम को सेवा
में वाराणसी भेज
ने की
जरुरत क़ियों पेश
आ रही है. जब २७५
से ३०० से अधिक
का आंकड़ा पहुँच
गए है तो
यह मिलना जुलना
क्या दर्शाता
है राजनाथ साहेब को किया भाई
है की कल्बे अब्बास
शिया क्लेरिक और
फिरंगी महल के
इमाम से भेंट
की.कल्बे अब्बास
तो नक़वी संस्कार
के इमाम हैं.हाँ फिरंगी महल
के इमाम को बहकाना
मुमकिन नहीं.मुसलमानो
को सावधान रहने
की आवस्यकता है ,कुर्सी
पाई जा सकती है
.बांटो और राज
करो की नीति अंग्रेज़
किया करते थे.इस प्रचार
से सावधान रहने
की आवश्यकता है.नव जवानो
,किसानो,आदिवासिओं ,पिछड़े समुदाय
के लोगों क
डराने का सिल सिला
जारी है,जोरों
पर है , केवल
मोदी ही उन
की सुरक्च्छा दे
सकते हैं.यह
सफ़ेद झूंट है.

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