बड़े लोग जब
छोटी
बातें
करते
हैं
तो
पीड़ा
होती
है.मोदी
महाशय
की
निम्नलिखित
बातें
काबिले
गौर
है.:
(ये )"मुझे साठ
महीने नहीं अब
दस वर्ष चाहये
विकास के
लिए ". .
(बी)"वाराणसी में मेरी
जुबान बंद करदिया
.मैं अपने वोटरों
से संवाद न
करसका."मोदी साहब
को वाकई इतिहास
का ज्ञान नहीं
है.भारत के
कितने ही लोग
जेल में थे
और चुनाव जीता.
(सी).क्या हमारा
प्रधान मंत्री क्वीन एलिज़ाबेथ
और विक्टोरिया ,जॉर्ज
पंजुम जैसा काफिला
चाहता है यह
किसतरह का गणतंत्र
है.क्या हम
सामंत नहीं हैं?.
(दी)2014 और बाद
का समय इन
सब्दों में कहा
जा सकता है
:
अंधेर नगरी धमधूसर
राज,तकi
सेर
भाजी
टका
सेर
खाजा
.
(ई)गंगा जब
तक नहीं शुद्ध
हो सकती जब
तक की उनलोगो
को दण्डित न
किया जासकता जो
गंगा को अशुद्ध
करते चले आरहें
है.स्वर्गीय राजीव
गांधी ,स्वर्गीय चन्द्र शेखर
,स्वर्गीय व्.प.सिंह ,आदरणीय अटल
जी तथा अन्य
प्रधान मंत्री असफल रहे
मोदी साहब कभी
नहीं सफल होंगे.

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