#अनुपम खेर ने विपक्ष का मुंह बून्द करदिया !
टेलेग्राप इंग्लिश
समाचार पत्र कोलकत्ता में आयोजित कॉन्क्लेव,
जिसमें संभ्रांत व्यक्तिओं
ने भगलिया .प्राप्त वीडियो पर डिबेट का आयोजन किया और उपर्युक्त शीर्षक दिया .शीर्षक
स्वयं में उत्तेजित करने वाला था. इस से आभाष मिलता है की अनुपम खेर और और उनके अनुयायों
ने दूसरे पक्ष पर विजय प्राप्त की.किया अच्छा होता यदि इसी शीर्षक को (अनुपम खेर ने
विपक्ष को निरुत्तर करदिया).यह एक सन्तुलि
शीर्षक होता.
अनुपम खेर ने जिस
क्रोधभरी आवाज़ में सम्बोधित किया वह नफरत से भरा था.मैं उनसे यह जानना चाहता हूँ की
वह कैसे यह कैसे कह सकते हैं की ज़मीन (धरातल पर अशाहीष्णता का वातावरण नहीं है.")ज़मीन
पर वाही बीज दिखाई देता है जो धरातल से होता हुवा ज़मीन पर आता है.हताहत करने वालेको
अगर आहत होने वाले के दर्द का आभाष होता तो ऐसी फ़िज़ा कदाचित न होती
उदाहरण के लिए एक
शांत पूर्ण बड़े पोखर उस के एक किनारे से आप
जैसे लोग पत्थर मारना शुरू करदें तो पोखर में पैदा होनी वाली लहरों से उसकी बेक़रारी
दिखाई देगी.आपके और के समर्थकों ने डेढ़ वर्षो में सम्पूर्ण वातावरण को विषाक्त करने
में सारा रिकॉर्ड तोड़ दिया है.आप अगर इसलिए
दोहरा रहे हैं की पूर्व में इसतरह का विषाक्त वतरण रहा है और बुध जीवी चुप रहे
हैं. यह शब्द उस पुरे विषाक्त किये जाने वाली व्यथा का पर्याय कदाचित नहीं.आप दुर्भाग्य
से बुद्धजीवी नहीं हैं अंन्यथा घायल की गति
घायत जाने..(आगे भी जारी रहेगा ) .

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