आखिर बात मुह से निकल
ही आई.
"इस कार्य क्रम का
आयोजन,हमारा धर्म और संस्कृत है."डॉक्टर
महेश शर्मा केंद्रीय मंत्री.उन की बातों से यह लगा की श्री श्री आर्ट ऑफ़ लिविंग का
आयोजन केंद्रीय सरकार कररही है.प्रतिवर्ष करोड़ों का का फण्ड इस तरह की संस्थाओं को
देते हैं.इस से यह निष्कर्ष निकला जा सकता है की पांच करोड़ का जुरमाना श्री श्री नहीं देगी.प्रश्न यह है की इस से भारतीय
जनता पार्टी और मोदी सरकार का क्या लाभ होगा.मालूम हुआ की भभ्य कार्य क्रम,भीड़ और भाषण मोदी साहब को बेचैन करदेते हैं.उसमें
भागलेने से भाग्य का भविष्य निर्धारित होता
है.अब सरकारी तंत्रों का इस्तेमाल जायज़ है.३५ लाख की भीड़ तो बड़ी आसानी से केवल हरयाणा और दिल्ली से जुटाई जा सकती है.सारा विश्व र.स.स
और मोदी मय होजायेगा.राष्ट्र पति आएं या न आएं मैं तो जाऊंगा ही .

No comments:
Post a Comment