भूत पूर्व अध्यक्षा श्रीमती
रीता बहुगुणा का सम्बन्ध उस परिवार से है जिसके DNA में दल
बदलू की
समस्त गुण विद्यमान
है .इनका बीजेपी में शामिल होना क्या उनेह कुछ
दे पायेगा ,यह तो दूर की बात है
.इन्ह मुंह देखIना
और मुंह छिपाना
दुर्लभ होजायेगा .हेमवती नंदन बहुगुणा ,श्रीमती बहुगुणा ,विजय बहुगुणा और अब रीता बहुगुणा ने
दलबदल दिया है .भारतीय जनता पार्टी के पास है ही क्या ? इधर उधर से कतिपय नेता लेकर चुनावी
मैदान में होने का ढोंग तो कर सकते हैं .लेकिन
चुनाव परिणाम इन के इस चल का पर्दा फास करदेंगे
.
रीता जी राहुल की वफादार थी या कांग्रेस
की ? अगर इन में इतनी ही क्षमता
थी तो राहुल को बदलदेती
.कुत्ता भी अंतिम दिनों में अपने मालिक के साथ ही रहता है
. अच्छा होता रीता जी राजनीत
छोड़ देती .इन्होंने
अल्लाहाबाद विश्वविद्द्यालय का इतिहास विभाग कब को त्याग
चुकी हैं
पर वेतन लेती रही हैं .ये
बेशर्म भी हैं ! भारतीय जनता पार्टी में इस जैसा ही व्यक्ति
चाहये .

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