Saturday, October 22, 2016

हिसाब भी किया बला है


जिंदगी  भर  का  हिसाब  मांगती  है  दुनिया !
झोलियां  सबकी  भर्ती  जाती  हैं
देने  वाला  नज़र  नहीं  आता .
जो  नज़र  आते  हैं  नहीं  अपने  
जो  हैं  अपने  नज़र  नहीं   आते .

हिसाब  भी  किया  बला  है . देनेवाला  कोई  और  है . देता  कोई   और I. उमरावजान  की  आबरू  ही  नहीं  लूटी  ,पर  जिंदगी  भर  का  हिसाब  भी  मांगती है दुनिया  ..ज़ुबान  खोलो  तो  हिसाब  देना  मुश्किल  ,ज़ुबान  न  खोलो  तो  खुदगर्ज़  और  बेईमान  होने  का  बोहतान  .जो  मिला  है  उसे  जनता  को  न  बताने  पर  बे -इमां  ,झूटा  और  खुदग़रज़  होने  का  इलज़ाम .पता नहीं  सिदका   बन्दे  को  दी  जाती  है  या  बन्दा नवाज़  को .हिसाब बन्दा करता है या बंदानवाज़  इंसान   भी  हिसाब  लेता  और  तो  और  खुदi  तो  लेगा  ही .

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