Saturday, March 4, 2017

आखिर सदभावना कशी पहुंचा.

गंगा स्नान किया .प्रधानमंत्री के चरण स्पर्श किये और प्रधान मंत्री ने अपने प्रवचन में  सद्भावना और सबकेसाथ और सबका विकाश की बात बहुत ज़ोर और शोर से आज के अपने रोड और वोट शो में कह ही डाली.  यह पूंछे जाने पर की यह अबतक कहाँ था. महोदय ने बताया   की यह काबा शरीफ   २०१४ में हज़्ज़  करने गया था .  रास्ता  भूलजाने के कारण कशी में पहुँचने में देरी हुई .गलती यह हुई की मैने हिर्दय को पूंछ समझ बैठा और पूंछ यानि विकाश को हिर्दय .उत्तर प्रदेश चुनाव ने याद दिलादी.  मैने भी   अपना   सारा  समय अखलेश और राहुल के पानी उतारने में  लगा दी .मुझे इन के दाढ़ी और टोपी न उछालकर इनके पाजामे और कमीज उतारने थे.  

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