,ईंट का जवाब पत्थर होना ही था.
,शहारनपुर (उत्तरप्रदेश
):संघर्ष ,समुदाय,सांसद भारतीय जनता पार्टी, राजपूत व राणा प्रताप तथा भीमराव सेना और दलित समाज
:
प्रिय बंधू
क्या आप के गांव में
कोई शिक्षि है?
आप के इतिहास में
" बोलो राजा राम चंद्र की जय."ही सदियों से चला आ रहा है.अब यही जय श्री
राम कर दिया गया .आप ने कभी बीजेपी से सवाल
किया की क्या वे राम को भी विभिन वर्गों में बाँट रहे हैं
. ढीक उसी तरह जिस तरह समाज को वर्णो में बांटा. क्या आप यह नहीं मानते की
राम राजपूत नहीं थे .आप इन को अपना आदर्श क्यों नहीं मानते राम बड़े हैं या महा राणा
प्रताप.आप के किसी व्यक्ति ने उस समय प्रश्न किया की अकबर और राण प्रताप में कौन बड़ा
था.यह कैसे तय होगा क्या माप दंड रखा जाये
गा. इतनी छोटी बात केवल छोटे लोग ही करेंगे.आप का मानसिक स्तर किसने गिराया.उत्तर प्रदेश के समस्याओं का निदान
संभव नहीं.किर्पया मानसिक क्षमता को बढ़ाये .
वहां शाशन रहने ही
कहाँ दिया गया .पुलिस अफसर के साथ जो कुछ दुर्व्योहार किया गया जग, ज़ाहिर है.आप (प्रदेश
सरकार)कुशाशन के लिए ही जाने जायेंगें . योगी और योध्या में अंतर है.योध्या ही कुशल
प्रशाशक होते हैं.दशकों तक एक समुदाय विशेष को बढ़ चढ़ कर गली देते रहे .नित उन का अपमान
करते रहे . कैसे होगा की आप रातों रात फ़क़ीर
की वाणी बोलने लगे गे. देवन्द को देव बृंद बना सकते है.किन्तु देवबन्धु कदाचि कदाचित
नहीं.
शहारनपुर उत्तर प्रदेश
चुनाव से ही शीर्षक में रहा है.एक धर्मका दूसरे धर्म पर वर्चश्व ,एक नेता का दूसरे नेता से, एक समुदाय का दूसरे समुदाय के बीच संघर्ष में रहा है.भारतीय जनता पार्टी के
समर्थक कुछ ज्यादा ही असुरक्षित महसूस कर
रहे हैं.भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के विजय ने अतिरिक्त शक्ति ुनिहि में से मुख्या
मंत्री बनने के बाद दे दी है.
दशकों की इच्छा पूर्ति न होने की स्तिथि
में निहित भावना दर्शाने का क्षणिक अवसर मिला है.इतिहास इन का पीछा नहीं छोड़ रहा है.पूर्वजों के सिवा कुछ भी नहीं है
इन्हे यह बर्दाश्त नहीं हुवा की दलित समुदाय का प्राणी कैसे उन के
शब्बीर गांव में सरपंच बन गया. राज उसके हाथ
में क्यों गया .चलो इन को सबक सीखा दें.
सैंया भये कोतवाल तो डर काहेका .इधर दलित भाई चाहे जितना
मार् खाएं ,नंगे कर के अथवा वैसे ,कितना ही अपमनित किये जाएं ,वोट देंगे तो मोदी सहेब को .

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