अरे भाई मोदी साहेब
,आप ने तो हद करदी .यह गले
मिलना गले की हड्डी बनता जारहा है.
#आरएसएस ने ही तो शिक्षा
दी थी.
आरएसएस ने एकबार गले
लगने को कहा था की दो बार ?
एकबार मिलना भी गले
की हड्डी बनता जा रहा है .यह #डोनाल्ड ट्रम्प
से दो बार मिला तो नेतन याहू से एकदिन में
दस बार; पांच बार एयरपोर्ट पर ,पांच बार हवाई जहाज़ में स्थान ग्रहण करने से पहले
और रात्रिभोज में तीन बार.
अच्छा यह बताओ की #नीतिन याहू ने कहा किया ?
बहुत खुश हुए.आप अपना
कान इधर लाएं.फुस फुसाकर कहा "राम मिलाये
जोड़ी एक्वा अँधा ,एक्वा कोढ़ी."
समझ में नहीं आया.
यानि याहू इस्लाम
और मुस्लमान के खून के पियासे और मैं अब मुस्लमान
को अतिवादी,और और इस्लाम के खून का पियासा
.
फिर किया हुवा ?
हाँ हमने गले मिलने
के साथ दिल मिलने की शीख दी थी.
वही तो करहा हूँ गले तो मिलरहे हैं
नहीं आप मुर्ख हैं.हिर्दय जब मिलता है दोनों एक दुसरेके
यानि(A) का सर (B) के सर दाहनी तरफ
हो .क़ियों की दिल बाएं तरफ होता है दो नो का दिल मेले आवश्यक है की इस विधि (योग का)
ध्यान रखा जाये.
तब तो डोनाल्ड ट्रम्प
ने मुझे दोखा दिया है उस ने ही ऐसी पहल की
.बड़ा चालबाज़ है.
यह कब तक चले गा?
प्रेजिडेंट जिंग जाऊ से मिलने के बाद विचार करूँगा .
कहीं ऐसा न हो भारतीय
सैनिकों की तरह उन के पेट से न भिड जाये
मेरा पेट उनके पेट्स
से भारी है मैं पछाड़ दूंगा .
यह तो अच्छा है लेकिन
दोकलाङ्क का किया होगा .वह तो वहां से पीछे हटगये हैं.
सड़क निर्माण का कार्यक्रम
छोड़ दें गें यह तो हमें बिन खर्च मिलजाए गए हमें उनको धकेलने में सविधा होगी .
फिर ड्रोन जहाज़ को
खरीदने के किया ज़रूरत थी?
सलाह उद्दीन को गाला यहाँ लाने के लिए..

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