Thursday, July 27, 2017

जब जब होएं धरम की हानी बाढ़ें असुर ,महा अभिमानी

ये सियासतदां जब कभी जनता को दोखा देनी की ठान लेते हैं ,अंतरात्मा का सहारा लेतेहैं .सच तो यह है की यह सभी अन्तरात्माविहीन होचुकेहोचुके हैं .
मैं व्यक्तिगत तोर पर देश के सांसद और देश के सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करता हूँ की इस ढोंग का की प्राथन सुचना को क्राइम करने का अभूत्पूर्वा साख्ष्य निर्धारित करे .यह ढोंग सियसत के हथियार और दिखावा छलावा के रूप में ३६५ दिन इस्तेमाल हो रहा है.प्राथमिकी को शीघ्र वह स्थान दिया जय.जिसको ब्रह्मा मिसाइल .वार्ना इन्हे देश से इस छूट पर देश की राजनीती अलग हो जाएं.३६४ दिन वर्त्तमान में यह अभियोग का दर्जा इन स्झूटों को के द्वारा दिया जारहा .कारन कुछ है कहते कुछ समर्थन देने वालों मक्कारों की कमी नहीं .इन में संवाददाता विश्वाश घात आगे हैं.अथवा इसको जनता और जनपरिधिनीति पर ही छोड़ दिया जाए. इस विरोधाभाष पर इनको शर्म नहीं है तो आप संज्ञान लें वार्ना देश कहीं का नहीं रहेगा.

माननीय नितीश कुमार ने जो कुछ किया उसका बहुत कुछ परिणाम भविष्य के गर्भ में जा चूका है .अगर मैं कुछ भी कलमबंद करता हूँ ,इसे सभवता इस लिए दर किनार करदिया जाता है हैकि मैं सौभाग्यसे इस्लामधर्मावलम्बी हूँ.अगर नितीश साहब ने अंतरात्मा की आवाज़ पर त्यागपत्र दिया तो खाकसार भी अंतरात्मा के आवाज़ पर जिस की मैंने अबतक रक्षा और सुरक्षा की है पर ही बातें लिकता हूँ और दावा करता हूँ की इस में सच वहुत अधिक और स्वार्थ शुन्य है.

कतिपय महीनो से NITISH साहब विक्षिप्त दिखाई दिए हैं .यदि ऐसI था तो वहां जहाँ जाने की कसम खाई थी न जाकर चुनाव करवा लेते अंतरात्मा की आवाजका अनुमोदन होजाता.


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