विजय के बाद भी जिस
देश का #प्रधान मंत्री और #भारतीय जनता दल असहाय
और विवश दिखाई दिया. GST तथा DEMONETIZATION
के फैसले
को गुजरात चुनाव
की जीत को जनमत संग्रह
( REFERENDUM) की संज्ञा देने का दुशसाहस निराधार
है .इतिहास साक्षी है की जनमत संग्रह के लिए 60% से अधिक मतों की आवश्यकता
होती है .उचित होता # नरेंद्र मोदी इस पर जनमत संग्रह करा लें
. उत्तर प्रदेश के चनाव को जनमत संग्रह
कहना भी निरंकुश
शाशन का परिचायक है .बुद्ध
जीवियों को भी नतीजे के बाद नसीहत दे डाली की वे अपने विचार बदलें
.
बुरे ऋण (BAD LOAN) का इतिहास
आप को ले डूबे गा .इस का ठीकरा डॉ .मन
मोहन पर फोड़ना सच्चाई से फरार है .तमाम
ISSUE को गदा मुर्दा न करें
.आप भारत
के सपूत नहोने का दवा अब नहीं कर सकते .आप
केवल और केवल गुजरात के सपोट हैं . यह
ढोंग भी देशवासियो ने
देखा .बादशाह की औलाद का किया सन्दर्भ
था? आप के विकाश में .औरंगज़ेब
से आप का प्रेम कब तक शाश्वत
चलेगा .इंटने सॉ वर्षों के बाद , भी यह मोहरा किया मोहन भगवत के मोहरे से बड़ा है ?.पाकिस्तान कहाँ से इस चुनाव में वोट देने ाआगया
जॉब देने में आप और आप के चमचे बूढ़े हो जाएंगे .
२२ वर्ष शाशन
आप को नहीं बचा सके ११७ भूभागों
से ९९
भाग पर आप आगये
, अलेक्सेंडर साहब . इस
का क्षेत्र फल आप ही बताएं .आप
को बहुत दुःख हुवा की बहुत सी शक्तियां आप को किक करने में लग गयी थी ? आप के पास तो समस्त भारत की संसद ,मुख़्य मंत्रीगण निकायों के ,मेयर हर रोज़ नाचते रहे .आप के पास तो सेना ही सेना है नित नए सेना संघ का अभ्युदय देखने को मिलता है..आप
बहु खुश होंगे की राजश्थान के उच्य नियालय के ऊपर झंडा लहरा गया.आखिर किया हुवा
.दुर्गा सेना ,हिन्दू सेना ,बजरंगदल ,विहिप सेना ,योगी सेना ,भोगी सेना हनुमान
सेना गोरक्षाह्क सेना आदि आदि ..आप
की यह प्रयोगशाला
जिसको आपने २२ वर्षों
तक पला पोषा गुजरात आप को ललकार रहा है .१५०
की संख्या १८२ कियों नहीं !ज्यादिनो तक बेवकूफ नहीं बना
सकते आप महमूद ग़ज़नवी हैं देश को लूट कर गज़नी
जाएं गे..
भारत वर्ष का दुर्भाग्य
है की आप जैसा प्रधान
मंत्री मिला है .मुझे
इन शब्दों के प्रयोग करने में कोई झिझक नहीं की # मोदी साहब छली ,अहंकारी ,,बुरबक ,बातूनी ,भड़काऊ भाषी ,नौटंकी छाप समारोहों
में अधिक चाय प्लायी
.अधिक समय दिया . इसकी
संस्कृत की छाप साफ़ दिखाई देती है
.
इनके योगदान
देखने लायक हैं .पहले
तो से बी आई जैसी संवैधानिक संस्थाओं
को नपुंसक किया ,फिर चुनाव आयोग को ले डूबे .गुजरात
चुनाव की तिथि बढ़वाई
,योजनाओं की बारिश करडाली
,अचार संहिता
को पारा पारा किया
:चुनाव के बाद भी और तो और अभियान के दौरान भी इनकी
बेचैन आत्मा को सुनते ही बना
. सारे अधर्म आज़ादी
के बाद एक प्रधानमंत्री
से सुना I बकवास करते देखा Iपरिणाम देखना बाक़ी हैIआप का यह धुन आप को धुन डालें गी
.?

No comments:
Post a Comment