Friday, May 4, 2018

जिन्ना का जिन दीवार से सड़क पर , बाजार, किया पता कल को सड़क से घरों तक



जिन्ना  का  जिन  दीवार से  सड़क पर , बाजार ! किया  पता  कल  को  सड़क  से घरों  तक   ,फिर  वहां  से  मन  में  ,फिर  मष्तिस्क  में  इश्क  की  आग में परिवर्तित होजाये .क्या  सच  में  यह  जागरण  युग  है  अथवा  यह  भारत  का  RENAISSANCE  है ?
मोहम्मद अली अब संस्थापक पाकिस्तान कभी भारतीओं के दिलदादा हुवा करते थे .इन्हों ने गाँधी जी के साथ मिलकर स्वंत्रता संग्राम में बढ़ चढ़ कर भाग लिया लेकिन ततकालीन हिन्दू महासभा के अडयाल रवय्येने मुख्या धरा से अलग करदिया और अलग पाकिस्तान की मांग कर्दली इन्होने मुस्लिम लीग के टिकट अनेक चुनाव बह भी महाराष्ट्र से . उस समय एम् .सी.चागला जो आज़ाद भारत के इंदिरा गाँधी के राज्यकाल में सुप्रीम कोर्ट के मुख्या न्यायाधीश  रहे ,जिन्ना के सेक्रेटरी थे .इस के आलावा लॉ मिनिस्टर और अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के उप कुलपति रहे .

वैसे अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी हर बार विवादों में रहीहै  .यह इस का और यहाँ के विद्यर्थिओं का सौभाग्य है.निशानियां   प्रगतिशील और ज़िंदा कौमों की विरासत रही है.इतिहास हमरिरहनुमायी करता है.दुर्भाग्य से वर्तमान सरकर का इनसे सरोकार नहीं है.इनके के संरक्षण में विघटनकारी शक्तिओं का प्रादुर्भाव हुवा है.यह न आगे जानते हैं न पीछे. ये उन्मादी तत्व तत्वा उन्मांद का जन्म दे रहे .सोये हुवे सांप को फ़ूंक मारने का नेवता दे रहे हैं.देशका  कुछ भला नहीं होना है.जनजागरण सेना कितनी जागृत है इनके चेहरों और कर्मों से पता लगता .

जिन्ना  पाजामा ,जिन्ना टोपी गली में ,कूचों में ,दुकानों में ,सरों पर  लतादात.है   उनकी मोंछ कहाँ  भेजे  गें  ?जिन्ना  का  जिन अभी कैसे दिखाई दिया कुछ और देखने को नहीं है?  ,यह  डरपोकों  का ,कायरों का  युग  है.  ये  लोग  जिस  डाल  पर  बैठे  हैं ,उसी  को  काटरहे   हैं .यही इन की देश भक्ति है. देश प्रेम तो इन के रग में नहीं रहा है .
लोग  इनसे  पूछेगें  की  दूसरे  चरण  के  बटवारः  की  नीव  कौन  खोद  रहा  है ?पहले  समाज  बाटा  ,फिर  जात  में  बाटा  अब  देश  के  बटवारी   की  मूहिम  चल  रही  है .एकसमंदर से अनेक नदियां  नहीं , नाले  वजूद  में  आचुके हैं

.हमारे महाधिराज  लंठ  न  होते  तो  कंठ  खुला  रखते .आप  जाये  या न जाएं . देश  के  जाने  की  तैयारी  हो  चुकी  है .अब बचा ही क्या है ? विभाजित  भाग  वजूद  में  है लेलीजिये  .हम  इस  को  गले  लगाएं  गे  .यह  मुँह  से  नहीं  मोछ  से  और तो  और  हाथ  से  आता  है .हमें  जाना  होता  तो  कब  के  चले  गए  होते  .जिन्ना  को  विभाजन  के  लिए  हिन्दू  महा  सभा , आप के परदादा  ने  बाध्य  किया  .
इतिहास   दुहराता  है .जिन्ना  जिन  हरजगह  है .दीवरून पर, देशों पर ,किताबों में ,क़ानून के किताबों  में , भारत  के न्यायालयों में.यह  आप  को  काटता रहे गा .वोट  इसतरह  नहीं  जीते  जाते  .देश  पागलोंसे   नहीं   बढ्जीवियों  से ,न्याय से चलता है.आप  ने  जो  सांड  छोड़ रखे  हैं  वोह  तो  आप  की  खेतों  को  चरेंगें  और  आप  की  भी   काँछ  खोलकर  रहें हों गें .
आप अपराधी हैं अपराधी का भविष्य अंधकार मय होता है.  

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