Monday, May 7, 2018

लानत है इन सभी पर . ये सरकारी ख़ज़ानों का बलात्कार है .


आश्चर्य   चकित  रहगया  की  हमारे  नेता   इतने  लालायित  हैं  महलों  में  रहने  के  लिया  .इन्हें  पूरा  भारत  भी  रहने  के  लिए  कम  है . ये  सभी   आस्तीन  के  सांप  हैं .आदमी  के  एक  ही  कर्म  से  उस  का  पूरा    पता  मिल  जाता  है .फिर  भी  इन  की  पियास  नहीं  बुझी  .लानत  है  इन  सभी  पर .
प्रजातंत्र   का  विनाश  लीला  है
जनता  की  घड़ी  कमाई  को  इसतरह  व्यर्थ  करना  प्रजातंत्र   का  विनाश  लीला  है .मुझे  नहीं  पता  था  की  ये  आस्तीन  के  सांप  हैं  .आदमी  की  धरोहर  उस  का  मूल्यवान सिद्धांत  है   ,बलिदान  बिन  बातये  नेकी  है .कव्वे  को  चाहे  जितना  सिखाएं  जिसभी  महल में  रक्खें  ,वोह  गुह भी    खाये  गा  .यह    . जिस   किसी  ने  याचिका  दायर  की  को  बढ़ायी  .निश्चित  रूप  से  मेरे  जीवन  का  सब  से  बड़ा  सार्वजनिक  हित  का  फैसला  है .
सामंतों   को  कदाचित  मुख्या  मंत्री  नहीं  होना  था  .
#अखलेश सिंह  यादव  ,राजशाही  ठाट  बात  से  महल  बनाने  वाले  ,समाजवाद  का  ढोंग  I,#मुलायम  सिंह  ,#राजनाथ  सिंह  ,वर्तमान  में  गृह  मंत्री  केंद्रीय   सर्कार  ,मैंने  समझा  था  मूंछवाले  राजपूत  हैं ,#जगदम्बिका  पल  एक  दिन  वाले  मुख्या  मंत्री  को  जानता  हूँ  .प्रदेश  का  सौभाग्य  है की एक  ही   दिन  रहे  #कलयाण   सिंह  ,वर्त्तमान  में  राजश्थान  के  राज्यपाल  हैं  ,इनको  सब  होते  हुवे  भी   लाज  नहीं  है .#मुलायम  सिंह  वर्तमान  में  संiसद थे  ,#मायावती  पिछड़ों  की  मसीहा  5  एकड़  में  बांग्ला  में  रहती  हैं  ,संविधान  संविधान  ,शोषण  शोषण  करती  रहती    हैं .समाजवाद  का  ढोंग करने वाले #मुलायम  सिंह  उत्तर  प्रदेश  में  सामंतों   को  कदाचित  मुख्या  मंत्री  नहीं  होना  था  .
ये  सामंत  वादी  मान्सिकता   के  रोगी  हैं
गवर्नर  , सेंट्रल  मिनिस्टर ,मुख्या  मंत्री ,  उप  मुख्या  मंत्री  , सांसद  अथवा  ये  सभी  जिनहों  ने  पद  से  चले  जाने  के  बाद  भी  अपने  परिवार ,और  अपने  पशुओं  के  लिए  बड़े  सरकारी  बंगलों  पर  अब  तक  कब्ज़ा  बनाये  रखा  .ये  सामंत  वादी  मान्सिकता   के  रोगी  हैं  .  पूरा   भारत  भी  कम  है .इन  सब  ने  हम  सभी    का  अपमान  किया  है . ये  बुनयादी   तौर  पर  नीच  प्रविर्त  के  हैं .
इन्हे   वेतन  भी  चाहिए  ,फ्री  टेलीफोन   की   सविधा  भी   ,फ्री  इलेक्ट्रिसिटी  बिल  भी ,पेंशन  भी  , दरबार  भी  ,बैडमिंटन  हॉल  भी  .मुग़ल  सल्तनत  के  शहंशाह  शाह  जहाँ  को  केवल  लाल  क़िला  काफी  था  ,इन   को  अनेकों  लाल  किला  चाहिए .सरे  दलों  ने  एक  सुर  से  कनून भी  बना  डाला  .#उचतम  न्यायालय देश  की  लाज  बचाली  इसको  कोटि  कोटि  प्रणाम   .
उत्तर  प्रदेश  सर्कार  बताये  की  सरकारी  घरों  को   किन  किन  ने
कितने  दिनों  से  ,कितने  सालोंसे   कब्ज़ा  किया  हुवा  है .इन्हें  चुनाव  लड़ने  से   वंचित  किया  जाय  , ये  हमें  नैतिकता का पाठ  न पढ़ाएं  गे  .इन  के  नाम  पुरे  विवरण  के  साथ  पुब्लिक किया जाय  ,इन  के  इस  कमीने  पैन  और  अपराधी  इतने  निचले  अस्तर  के  नेता  हमारी  किया  सेवा  करें  गे  ?.
गणतांत्रिक  दंड : ट्रॉस्पेक्टिवे  इफ़ेक्ट  (नीचे  से  )
(1) इन  में  से  कोई  भी  श्री  ,मिस्टर ,मैडम ,जनाब सम्माननीय  , प्रीफिक्स  तो  लगने  का  प्रश्न  ही  मेरी  नज़रों  में  नहीं  . ये  सभी  राज धरम  से  गिरचुके  हैं .इन   में  से  अनेकों  को  आदर  करता  था  .मुझे  पता  नाथा  की  ये  इस  अस्तर  के  हैं .
(2)# अखलेश  सिंह  यादव  बारी  बारी  से  तीन  बार सुविधा अनुसार जंतर  मंतर  में  खड़े  होकर  उत्तर  प्रदेश  की  जानता  से  छमा  मांगे  . एकसाल  गया भैंस  के  छापर  वाले  घर  में  पापों  का  प्रायश्चित   करें  .
(3) लाल  किले  से  पूर्व  रक्षा  मंत्री   होने  के  नाते  # मुलायम  सिंह  तीस  कोस    पैदल  चलें   और  सैनिकोंसे  छमा  मांगें  और  सियासत  से  संन्यास  लेलें .
(4)#मायावती  हाथी  पार्क  लोचनो  से  छमा  मांगें  और  दोबारा  मुख्यमंत्री    होने  का  एलान  करें  ,युवा  नेता   चंद्र  सेखर  को  अपना  उत्तराधिकारी  बनाएं   .
(5)#कलयाण  सिंह  राज्यपाल  की   कुर्सी  में    बैठें  और   सरकारी  राजकाज   जमीं  पर  बैठ  कर   चलें .,अमित    शाह  से  माफ़ी   मांग  लें  और  प्राण  करें  की  इफ्फ्तार  पार्टी  नहीं  करें  गे  ,राम  लाला  ४००००  बार  प्रीतिदिन  ऑफिस  जाने से  पहले  जपें  .पूरा  होनेका  प्रमाण  अपने  संत्री  को  दें .हमसब  को  मान्य    होगा  .
(6)# जगदंपिका   पल  अब  नायी  का  कम  करें  .   सरमुड़ाकर  गंगा  में  प्रति  सप्ताह  उपवास  एक  माहि  तक  करें   .चुनाव  में  भाग लेने से राम राम करदें  (6) शेष  लोगों  का  प्रायश्चित्त  (दंड  ये ) ऊपर  वाले  बताएं  गए  .

No comments:

Post a Comment