Wednesday, March 11, 2015

माना के आप किसान भाई दूध पीते हैं और हुक्का तो आपका जीवन धरा है......

माना  के  आप  किसान  भाई  दूध  पीते   हैं  और  हुक्का  तो   आपका   जीवन  धरा  है......
मुझे  आपकी  धरती  जिसे  मैं  भी  माता    के  रूप  में  सम्मानित  करता  रहा  हूँ  ,को  लूट  कर  सम्मानित  लुटेटरों  को  दूँ    .इन  में  से  एक  सम्मानित   परिवार  के  पास  साठ  मंजिला    इमारत  की   योजना  है .अगर इन  लूटेरों     के  ऊपर     R.T.I.  का  क़ानून  लागु  हो जाये   तो  इन्होने  हमारे रिश्तेदारों  नातों  की  भरपूर  सेवा  करते  रहे  हैं  .हमारी  अIख  खुल   जाएगी .ये  संभ्रांत  लुटेरे   नौकरी  के नाम  पर  धरती  का  भाक्छन्  कर  रहे  हैंमेरा  विकाश   का  नारह  खतरे   में  है .राजशक्ति     हमारे   पैरों  से  खिसकती  जारही  है ...  मेरी  नाक  के  दाहना  सूराख  का  मालिक  है  और  विहिप  दूसरी  बाएं  नाक  की    साँस ..

माना  के  आप  किसान  भाई  दूध  पीते   हैं  और  हुक्का  तो   आपका   जीवन  धरा  है  और  मैं  तो  चाय  ही  पिलासक्ता  हूँ .रहम  कीजिए .मेरी  चाय  और  आप  के  दूध     का  चार  चम्मच  और  पचीस  चमच  का  अनुपात  है  .तो  मैं  कइयों  आप  की   भूमि  का  अधिग्रहण  कइयों  जबरजस्ती  ना  करुँ .

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