भारत देश का इकलौता अगर कोई प्रोजेक्ट है तो वह क्रिकेट है
.यहाँ प्रधान मंत्री से लेकर ग्राम प्रधान तक
,मंत्री से लेकर एटीएम के संत्री तक
,प्रधान अध्यापक से लेकर
पेओन तक
.पिता से लेकर प्रपौत्र तक
,पत्नी से लेकर
नौकरानी तक
, सरकार से लेकर सरकारी कर्म चारी तक
,दुकान दार से कर दुकानदारी तक
,संवाददाता से ले कर अन्ना दाता तक
, दूर दर्शन से लेकर मंकीबाट सुनने वालों तक
,संख से लेकर संतो
तक ,विराट से
लेकर सम्राट तक
,विराट से लेकर अनुष्का तक
,धोनी से लेकर सiख्शही तक
. इस देश ब्यापी अभियान में बराबर का योगदान करते हैं
. देश से लेकर विदेश में रहने वाले दीवानगी के हद तक अपना योगदान करते हैं
.और फिर समूर्ण राष्ट्रीयता का तांडव नैऋत्य का आगाज़ होता है उस विश्व कप के लिए जो हमारी नज़रों में होते भी हiर
के बाद देखने का जी नहीं चाहता
, और हर बार हम मान बैठते हैं की यह कप हमारा है
.हiर या जीत से पहले हम कइयों इसे अपना
समझते हैं
.
आज तो कुछ अजीब माजरा था .कुछ लोगों ने अपना टीवी भी तोड़ डाला .यह छूठ है .यह तो टोटा हुवा टीवी होगा
.अच्छा हुवा की उन लोगो ने अपना सर नहीं तोडा
.धiन और गेहूं मंत्री सभी इस खेल को प्रतिष्ठा बना लें
,और exam. छलांग लगाने वाले जब क्रिकेट ही देखे तो वोह अपना खेल भी दिखाएँ गए
.आनद लीजिये .भूमि अधिग्रहण सब समस्याओं का निराकरण करदेगा
,हम ऎसे विश्व कप घर लायेगे
.और लाएंगे विश्वाश्ट्रीय महिलाओं को भी
.और हमारा vahi parinam
हो
गi जो
इमरान,मजीद खान भाईयों का हुवा.हम ऑस्ट्रिलिया से हiर गए तो किया होआ,पाकिस्तान को
तो धूल चटा दी.

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