नामर्द और निकम्मे मुस्लमान
ही इस तरह का जश्न इस छोटी और छूटी जीत पर हवा में फायरिंग करके मना
सकते हैं.#मुलायम ने तुमेह लाइसेंस देकर आपसी
जान लेनी की आदत डाल दी है.तुम कहाँ
होते हो जब मलियाना के ४० मुसलमानो को पुलिस विभाग ने नहर
में फेंक देता है.तुम कहाँ थे जब मुज़फ्फरनगर
में तुम्हारे मुस्लमान मित्रों और महिलाओं को खेमे दाल दिया था .तुम होली कुरान और
पैग़म्बर के दोस्त होने का दवा करते हो और तुमेह पता नहीं की यह मग़रूर मुस्लमान ही करता
है.और जहन्नुम ही उन का ठिकाना है.
तुम को मालूम हो या न हो हमें पता
है #मुलायम की सरकार जा चुकी है..यह फायर तुम्हारी हवा निकाल देगा .तुम्हारी शिक्षा दीक्षा और अब धर्म भी छीन लिया
है.

No comments:
Post a Comment