अब तो देना होगा :स्वाभिमान
भी ,सम्मान भी ,शासन भी और संविधान
भी !वोह गए .आप आये .आप जाएं ,हम आएंगे ?
हम ने सदियों आप के मैले धोये
,आप के थैले ढोये .
आप के मृत्यु
पशुओं के खाल निकलIते रहे ,आप उनके दूध पीते रहे आप ने हमारी बहुओं को ,बेटिओं का अपनी हविश का शिकार भी करते रहे
.आप हमारी खाल उधेरने में लगे
रहे . मुर्दे जानवरों का गोश्त खाते रहे .आप फ़ूड कारपोरेशन
ऑफ़ इंडिया में हमारी गाड़ी कमाई सड़ाते
रहे .आप की पालकी ढोये ,आप के गोबर ढोये ,आप के हल चलाये वोह भी बंधुवा
बनकर ,आपने हमारे
नेताओं को कुर्सी
दी ,हमसे अलग किया .
हम घोड़े नहीं रख सकते ,घोड़े चढ़ भी नहीं सकते
आप की गली से ,अपनी सड़क से बारात भी नहीं जासकते
,हम इंट के घर नहीं बना सकते ,हमारे बच्चे आप के बच्चों के साथ भोजन नहीं कर सकते ,हम अछूत और हमारा बर्तन भी जूठा कब
तक ?
नरेंद्र मोदी ने समझा था इनके किया दम सड़क पर निकलें गें?
तो देखा की आग इन्होने नहीं लगाई ,सरकारी अधिकारी और इनको नीच समझने वाले ने अवरोध पैदा किये .विरोध किया और तो और जाने भी ली उत्तर
प्रदेश ,मध्य प्रदेश के पुलिस ने बेगुनाह युवको और युवतियों
को घर से घसीट कर बेरहमी
से मारा .मरवाया # मोदी ,#अमित शाह
,#मोहन भगवत आरएसएस
और इन के गुर्गों
ने .राज गद्दी पर बैठाया
इन्ही ने
और डंडा भी इन्ही के शरीर पर .
चड्ढी तो हलकी थी भागने में हाथ का सहारा
चड्ढी तो हलकी थी भागने में हाथ का सहारा
देने पर
अपने स्थान पर टिकी रहे गी
.पैंटलून तो भारी होता
है बहुत
जल्दी नीचे गिर कर आपको नंगा करदेगा ,मुझे दर है ,आपकी पेशानी पर चन्दन ,गले के चरों ओर ,कंधे पर लहराता
चार सालोँ से इन्ही का बाज़ार गर्म है
.भविष्य वाणी कर चूका हूँ .समय आने पर राज खुले गए .देश
को समशानघाट की आवश्यकता है .किया होरहा है
.मुझे और
आप को पता नहीं .आप को तो राजगद्दी का रास्ता
ही पता
है ,कैसे पाया जाता है आप से सीखे .
देश सतत चार वर्षों से जल ही रहा है
.

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