(1)क्या #
बीजेपी इनकी जागीर दरी है ,जैसा चाहेंगे वैसे चलाएं गें ?
(2)क्या # यशवंत सिन्हा ,#अरुण शौरी ,#शत्रुघन सिन्हा इस वेंकैया नायडू से जिसके
न मुहं है ,नहीं मोच है ,और न ही सूंदर ज़ुबान और सूंदर सोच है ,से बदतर हैं ? नरेंद्र मोदी का मार्गदर्शन इस पर कियों नहीं लागु हुआ ?
(3)क्या वर्तमान
में #बीजेपी के युवा इनसब की विद्दुता से अवगत हैं ?
(4)व्यक्ति सिद्धांता , विदूयता ,संवेदनशीलता और कार्य कुशलता से जाना जाता है न की छल और द्वेष भावनासे
? सिन्हा या अरुण शौरी वर्त्तमान में मोदी और उनके वज़ीर अमित शाह से कईगुना
भारीभरकम हैं .
सिन्हा साहिब का किसान
आंदोलन ,आर्थिक सुझाव ,अस्पष्टवादिता
ने ,अपूर्वा शेष से देश लाभान्वित
होगा ? नॉन पोलिटिकल फोरम ,आंदोलन
समय की पुकार और आवश्यकता है . छिछले कार्य कर्ताओं दुवारः
इन विभूतिओं के प्रति अनादर
असहनीय होगा .

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